Taliban in Afghanistan: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में प्रोफेसर आफताब कमाल पाशा का कहना है दोबार सत्ता कब्जाने की कोशिश के इन 20 सालों में तालिबान ने न केवल अपनी इमेज को चमकाने की कोशिश की है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन प्राप्त करने और पहले से ज्यादा लोकतांत्रिक दिखाने की भी कोशिश इस बार की है. हालांकि तालिबान का यह सिर्फ बाहरी चेहरा है या वास्तव में अफगानिस्तान के लोगों को 1996 के मुकाबले राहत मिलेगी यह अभी भविष्य बताएगा.
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/ अफगानिस्तान: 1996 और 2021 के तालिबानियों में है बड़ा अंतर, भारत पर क्या होगा असर, बता रहे हैं विशेषज्ञ
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