 अममून फिल्मकार पराजय पर आधारित कहानियों को बनाने से बचते हैं। ऐसे में चेतन आनंद ने उस जोखिम को उठाया। उन्होंने 1962 में भारत-चीन युद्ध पर ‘हकीकत’ जैसी फिल्म बनाई जो युद्ध के दौरान मैदान में डटे सैनिकों के दृष्टिकोण को बड़ी मार्मिकता से दर्शाती है।
अममून फिल्मकार पराजय पर आधारित कहानियों को बनाने से बचते हैं। ऐसे में चेतन आनंद ने उस जोखिम को उठाया। उन्होंने 1962 में भारत-चीन युद्ध पर ‘हकीकत’ जैसी फिल्म बनाई जो युद्ध के दौरान मैदान में डटे सैनिकों के दृष्टिकोण को बड़ी मार्मिकता से दर्शाती है।from Jagran Hindi News - entertainment:bollywood https://ift.tt/3HZaxFM
 
 
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