दास्तान-गो : आकाशवाणी गांव-गांव तक पहुंची, हबीब गांवों को रंगमंच पर ले आए

Daastaan-Go ; Habib Tanvir Death Anniversary : वे 80 के शुरुआती दशक में ही भोपाल को अपना स्थायी ठिकाना बना चुके थे. इस तरह कि उसकी साफ-सुथरी हवा में उन्होंने बरसों सांसे लीं. उसकी हवा में घुले ज़हर की जलन को भी उन्होंने भीतर तक महसूस किया. और आठ जून 2009 को उसी शहर की आब-ओ-हवा में जाकर कहीं घुल गए. हमेशा के लिए.

from Latest News देश News18 हिंदी https://ift.tt/afGHOrI
Share on Google Plus

About mahesh shende

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें

विशिष्ट पोस्ट

रोपवे निर्माण में तेजी के लिए क्या उत्तराखंड फंडिंग का फार्मूला हो सकता है तय?

केंद्र सरकार की पर्वतमाला योजना से उत्तराखंड में 7000 करोड़ की रोपवे परियोजना शुरू, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे से यात्रा आसान होगी, 51:...