मिसाल बनी अनमोल मोती! पिता का श्राद्ध कर्म किया तो समाज ने पगड़ी व चादर देकर किया सम्मान

Bihar News: पुरानी परंपराओं की मानें किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद पुत्र के नहीं रहने पर अन्य पुरुष रिश्तेदार मुखाग्नि देते हैं और श्राद्ध कर्म करते हैं. मगर पिता की मृत्यु के बाद एक पुत्री ने वह तमाम संस्कार किया जिसे पारंपरिक और धार्मिक मायनों में पुत्रों का अधिकार माना जाता है. एक बेटी के द्वारा अपने पिता का श्राद्ध कर्म करने की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है.

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