तब लोगों के पास ज्यादा टीवी नहीं होते थे. 1983 में जब फाइनल मैच हुआ तो हर घर में मजमा जम गया. ऐसा लगा कि हर इस फाइनल मैच के लिए थिएटर सा बन गया. इसलिए हर गेंद, हर शाट और हर आउट पर जिस तरह से हल्ला और डांस हुआ, वो अपने में यादगार है. वैसे 40 पहले मिली इस जीत ने हमारी क्रिकेट को तो बदला ही देश को भी कुछ बदला.
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